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EPFO ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ब्याज दर 8.25% की

पिछले वित्त वर्ष में यह 8.15% और 2021-22 में ब्याज दर 8.10% थी. इस ख़बर से 6.5 करोड़ से अधिक EPFO सब्सक्राइबर खुश होंगे.

EPFO ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ब्याज दर 8.25% की

Saturday February 10, 2024 , 3 min Read

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation - EPFO) ने शनिवार को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर बढ़ाकर 8.25% कर दी है. पिछले वित्त वर्ष में यह 8.15% और 2021-22 में ब्याज दर 8.10% थी. इस ख़बर से 6.5 करोड़ से अधिक EPFO सब्सक्राइबर खुश होंगे. ईटी ने सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी है.

श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता वाले ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने शनिवार को ईपीएफओ की 235वीं बोर्ड बैठक में प्रस्तावित ब्याज दर को अपनी मंजूरी दे दी.

वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद ब्याज दर को आधिकारिक तौर पर अधिसूचित किया जाएगा, जिसके बाद ईपीएफओ आगामी वित्तीय वर्ष के बाद के हिस्से में अपने ग्राहकों के खातों में ब्याज दर जमा करेगा.

एक बार अधिसूचित होने पर 8.25% की ब्याज दर स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) जमा पर भी लागू होगी. इसके अलावा, छूट प्राप्त ट्रस्ट भी अपने कर्मचारियों को ईपीएफओ के समान दर पर ब्याज देने के लिए बाध्य हैं.

इससे पहले, EPFO ने बीते जनवरी महीने में घोषणा की थी कि आधार कार्ड अब जन्मतिथि के लिए स्वीकार्य दस्तावेज नहीं होगा. भारत सरकार में श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत ईपीएफओ ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के एक निर्देश के बाद जन्मतिथि के लिए स्वीकार्य दस्तावेज के रूप में आधार कार्ड को हटाने की अधिसूचना जारी की. ईपीएफओ द्वारा जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में आधार को हटाना UIDAI के निर्देश और आधार की सीमाओं पर कानूनी रुख के अनुरूप है.

कर्मचारी भविष्य निधि 20 या अधिक कर्मचारियों वाले संगठनों में वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य योगदान है. ईपीएफ और एमपी अधिनियम के तहत, एक कर्मचारी मासिक आधार पर अपने वेतन का 12% ईपीएफ खाते में योगदान देता है और नियोक्ता द्वारा भी उतना ही योगदान किया जाता है.

जबकि कर्मचारियों का पूरा योगदान ईपीएफ खाते में जमा किया जाता है, नियोक्ता के हिस्से का केवल 3.67% ईपीएफ खाते में जमा किया जाता है और शेष 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है. अगर कर्मचारी चाहे तो अपने EPF खाते में योगदान को बढ़ा सकता है और ऐसा होता है वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) के माध्यम से. जब कर्मचारी EPF में अपनी ओर से 12 प्रतिशत से अधिक का योगदान करता है तो वह VPF (Voluntary Provident Fund) कहलाता है. VPF में कर्मचारी चाहे तो अपनी बेसिक सैलरी का 100 प्रतिशत तक कॉन्ट्रीब्यूट कर सकता है. लेकिन याद रहे कि एंप्लॉयर की ओर से कर्मचारीके EPF में योगदान नहीं बढ़ सकता. वह 12 प्रतिशत पर सीमित है.